Opinion by Ajay Kumar Sharma | Opined

Ajay Kumar Sharma
Ajay Kumar Sharma Oct 1, 2020

#मनुस्मृति
बालक,वृध्द,दुर्बल,आतुर, आकाशलोकके स्वामीहै अर्थात् वे आश्रयहीनहोनेसे पालनीयहै! ज्येष्ठ भ्राता पिता,पत्नी,पुत्र,शरीरके समानहै, अत: इनकेसाथकिसी तरह का विवाद निरर्थक है!
#श्लोक
आकाशोशास्तु विज्ञेया: बालवृध्दकृशातुरा:!
भ्राता ज्येष्ठ: सम:पित्रा भार्या पुत्र: स्वका तनु:!!
#culture