Opinion by Ajay Kumar Sharma | Opined

Ajay Kumar Sharma
Ajay Kumar Sharma Oct 11, 2020

#मनुस्मृति ....

जो व्यक्ति सज्जनोंके सामने अपने आप को कुछ-का-कुछ,याने वास्तविकता से भिन्न (दुर्जन होने परभी साधु) बताताहै,उसे महापापी, समाजिक दृष्टि से चोर तथा स्वयं को धोखा देने वाला मानना चाहिए!

#श्लोक .....

योअ्न्यथा सन्तमात्मानमन्यथा सत्सु भाषते!
स पापकृत्तमो लोकस्तेन आत्मापहारक:!!
#culture